संज्ञा, पुल्लिंग माल, दौलत, सम्पत्ति यथेष्ट मात्रा या संख्या में उक्त प्रकार की कोई चीज। उदा०-गो-धन, गज-धन बाजि-धन और रतन-धन खान। जब आवै संतोष-धन सब धन धूरि समान। तुलसी। वह मूल्यवान् पदार्थ, जिससे जीवन-निर्वाह में यथेष्ट सहायता मिलती हो और जिसे अर्जित या प्राप्त करने के लिए परिश्रम करना और https://elliottzaxvq.collectblogs.com/83187170/helping-the-others-realize-the-advantages-of-arthik-samasya